देवी गंगा और भगवान् शिव | Dharmik kahaniya| Hindi kahaniya

———-: देवी गंगा और भगवान् शिव :——–

गंंगा एक ही हैं, पर पौराणिक कथाओं को उनके प्रतीकों एवं संदर्भों में समझने की आवश्यकता है।
* गंंगा प्रकृति की परिवर्तनकारी शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती हैं। पवित्रता की प्रतीक हैं, मानव-समुदाय की मुक्ति की आकांक्षा को, प्रतिविम्बित करती हैं।
* भागीरथ-प्रयत्न से, वे स्वर्ग-लोक से धरती पर अवतरित होती हैं और उनके वेग को , शिव अपनी जटाओं में , शांत चित्त से सम्हालते हैं।
* यहाँ गंंगा लौकिक और शिव की जटाएं , आध्यात्मिक सत्य का प्रतिनिधित्व करती हैं।
* शिव की जटाओं में लुप्त-सी होकर, वे शांत और पतली धार के रूप में निकलती हैं। धरती की प्यास बुझाती हैं, पतितों का उद्धार करती हैं।
* संकेत यह कि भौतिकता, आध्यात्मिकता के आवरण से, परिष्कृत और परिमार्जित होती है।
* गंंगा, कहीं एक अप्सरा के रूप में वर्णित हैं, जो देव-लोक में विचरण करती हैं।
* किसी स्थान पर, उन्हें आकाश-गंंगा के रूप में , चिन्हित किया गया है। जो विष्णु के पद-प्रहार से, नदी के रूप में धरती पर अवतरित होती हैं।
* किसी स्थान पर, उन्हें ब्रह्मा के कमंडल से निकली हुई माना गया है और किसी स्थान पर, उन्हें पर्वत-पुत्री एवं शिव की पत्नी भी बताया गया है।
* हिन्दू धर्म में पुनर्जन्म, कर्म के सिद्धांत एवं वरदान-शाप के महत्व को, बार-बार रेखांकित किया गया है।
* सगर के सौ पुत्र, कपिल मुनि के क्रोध एवं शाप से भस्म हो गए। उनके उद्धार के लिए गंंगा, स्वर्ग से धरती पर आयीं।
* पुनः यही कार्य, उन्होंने उन आठ वसुओं के लिए किया, जो वशिष्ठ मुनि के शाप से स्वर्ग-च्युत हुए और उन्हें मनुष्य-योनि में जन्म लेना पड़ा।
* शांतनु के साथ विवाह कर, उन्होंने आठ वसुओं को पुत्र-रूप में जन्म दिया और उनमें से सात को, तुरंत धारा में प्रवाहित कर, उन्हें शीघ्र मुक्ति प्रदान की।
* आठवें वसु का अपराध गंभीर था और दीर्घ जीवन के रूप में, उन्हें लम्बी यातनाएं झेलनी थी। वे ही कालांतर में , भीष्म के नाम से प्रसिद्ध हुए।
* शिव को गंगाधर कहा जाता है (क्योंकि , उनके सिर पर पवित्र नदी गंगा है)। लेकिन, गंगा शिव की पत्नी नहीं हैं!
* ऐसा माना जाता है कि, गंगा के मन में शिव के लिए एक कोमल भावना थी। लेकिन, शिव इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट थे कि , यदि वह पुनर्विवाह करेंगे , तो लड़की सती का अवतार होनी चाहिए। यह जानकर गंगा को बहुत दुःख हुआ।

 

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