माँ पार्वती बनी अमर सुहागन | Shiv Parvati | Bhakti Kahani | Hindi Kahani | Stories In Hindi | Story –
दक्ष प्रजापति की पुत्री सती का पुनर्जन्म मां पार्वती के रूप में हुआ था सती का विवाह भगवान शिव से हुआ था सती भगवान शिव से अत्यंत प्रेम करती थी और भगवान शिव भी उन्हें असीम प्रेम करते थे सती ने अगले जन्म में राजा हिमालय और रानी मैना की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया और मां पार्वती के रूप में सती ने फिर से अपने पति का साथ पाया मां पार्वती चाहती थी कि वह सदा अमर सुहागिन रहे तथा इस जन्म में उन्हें भगवान शिव से बिछड़ना ना पड़े वे और शिवजी सदैव एक साथ रहे सदा अमर सुहागिन रहने की कामना लेकर एक दिन मां पार्वती ने भगवान शिव से अमर सुहागिन बनने
(00:54) का वरदान मांगा महादेव मैं अमर सुहागन रहने का वरदान चाहती हूं ताकि मैं आपसे कभी बिछड़ ना सकूं मैं सदैव आपके साथ रहूं देवी तुम्हारा प्रेम और समर्पण मुझे अत्यंत प्रिय है तुम्हारी यह इच्छा पूर्ण होगी परंतु इसके लिए तुम्हें कठिन तपस्या करनी होगी प्रभु अमर सुहागिन बनने का वरदान प्राप्त करने के लिए मैं कठोर से कठोर तप कर सकती हूं मैंने आपको पाने के लिए भी कठोर तप किया था यह बात आप जानते हैं मैं अमर सुहागिन बनने का वरदान प्राप्त करने के लिए कठोर तप अवश्य करूंगी मुझे आज्ञा दीजिए स्वामी मैं अपनी तपस्या में सफल हो सकूं माता पार्वती को देखकर
(01:39) भगवान शिव मुस्कुराए और उन्होंने उन्हें आशीर्वाद दिया इसके पश्चात मां पार्वती ने कठिन तपस्या करनी आरंभ कर दी वे हिमालय की बर्फीली चोटियों पर बैठकर कठोर व्रत और उपवास करने लगी देवता और ऋषि मुनि भी उनकी तपस्या को देखकर अचंभित हो गए वर्षों बीत गए और मां वती की तपस्या में कोई कमी नहीं आई उनके प्रेम और समर्पण ने संपूर्ण ब्रह्मांड को प्रभावित कर दिया ब्रह्मदेव देखिए मां पार्वती किस कठिन तपस्या में लीन है कितनी दृढ़ता और समर्पण से वे भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए तप कर रही हैं हां नारद देवी पार्वती का यह तप और भक्ति अद्वितीय है इस तप से सारा
(02:28) ब्रह्मांड प्रभावित हो रहा है परंतु ब्रह्मदेव क्या भगवान शिव मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान देंगे उनकी तपस्या अत्यंत कठिन है और उनकी इच्छा पूरी होनी चाहिए नारद भगवान शिव करुणा और प्रेम के सागर है मां पार्वती का यह तप और भक्ति उन्हें अवश्य प्रसन्न करेगी भगवान शिव उनकी भक्ति का मान रखते हुए उन्हें अवश्य वरदान देंगे हे ब्रह्मदेव क्या इस कठिन तपस्या के दौरान मां पार्वती को कोई सहायता या मार्गदर्शन की आवश्यकता है नारद देवी पार्वती का तप और समर्पण स्वयं ही उनका मार्गदर्शन है उनकी आत्मशक्ति और दृढ़
माँ पार्वती बनी अमर सुहागन | Shiv Parvati | Bhakti Kahani | Hindi Kahani | Stories In Hindi | Story –
(03:14) निश्चय ही उनकी सबसे बड़ी शक्ति है हमें उनके तप को बस सम्मान और आशीर्वाद देना चाहिए देवी पार्वती का यह तप और भक्ति संपूर्ण स्त्रियों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा उनके इस तप से हर किसी को सच्चे प्र और समर्पण की महत्वता का ज्ञान होगा यह तपस्या एक महान उदाहरण बनेगी महादेव और देवी पार्वती का प्रेम इस ब्रह्मांड की दिव्यता को और भी अधिक बढ़ाएगा हमें उनके इस तप को सफल होते देखना होगा और उनके प्रेम और समर्पण की गाथा को संपूर्ण लोकों में फैलाना होगा नारायण नारायण धन्य है देवी पार्वती इसके पश्चात देवी पार्वती और महादेव के अटूट प्रेम का गुणगान करते हुए
(04:01) ब्रह्मा जी और नारद मुनि वहां से प्रस्थान कर जाते हैं माता पार्वती कई वर्षों तक तपस्या करती रही अंततः भगवान शिव प्रसन्न होकर उनके समक्ष प्रकट हुए हे देवी तुम्हारी तपस्या से मैं अत्यंत प्रसन्न हूं मैं तुम्हें अमर सुहागन होने का वरदान देता हूं मेरे इस वरदान से तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी तुम सदैव अमर सुहागन रहोगी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद प्रभु आपने मेरी प्रार्थना को सुना और मुझे अमर सुहागिन बनने का वरदान दिया मैं बहुत खुश हूं स्वामी आपने मेरी वर्षों की तपस्या को सफल कर दिया मुझे अमर सुहागन बनने का वरदान दे दिया मां पार्वती ने भगवान शिव के चरणों
(04:48) में माथा टेककर उन्हें धन्यवाद किया भगवान शिव ने उन्हें अपने हृदय से लगाया और बोले पार्वती अब तुम हमेशा अमर सुहागन रहोगी तुम्हारा यह वरदान संपूर्ण स्त्रियों के लिए एक प्रेरणा बनेगा इस प्रकार मां पार्वती अमर सुहागिन बनी उनकी इस अमरता और प्रेम की कहानी पूरे विश्व में फैली और हर स्त्री के लिए प्रेरणा बनी
एक दिन माता पार्वती ने भगवान शिव से कहा कि वे पृथ्वी पर जाकर वहां की महिलाओं के साथ समय बिताना चाहती हैं और उनकी भक्ति को देखना चाहती हैं भगवान शिव ने माता पार्वती को अनुमति दे दी और वे धरती लोक पर गांव में आई वहां गांव की
(05:32) महिलाएं मां पार्वती की पूजा भक्ति कर रही थी और उनसे अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि की कामना कर रही थी माता पार्वती ने गांव में एक सामान्य महिला के रूप में प्रवेश किया और महिलाओं के साथ पूजा में शामिल हो गई उन्होंने देखा कि महिलाएं कितनी श्रद्धा और भक्ति के साथ अमर सुहाग के लिए उनकी पूजा और व्रत कर रही हैं वे महिलाओं की भक्ति से अत्यंत प्रसन्न हुई गांव में नई दिखाई देती हो पहले कभी नहीं देखा तुम्हें मैं इस गांव में नई-नई आई हूं आप सब किनकी पूजा कर रहे हो बहन हम सब अमर सुहाग देने वाली मां पार्वती की पूजा कर रहे हैं क्या मां पार्वती की पूजा करने
(06:10) से अमर सुहाग का आशीर्वाद प्राप्त होता है हां बहन मां पार्वती की पूजा करके हम सब सुहागन स्त्रियां अमर सुहागन बनने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं जो कोई भी स्त्री सच्चे मन से माता पार्वती की पूजा और भक्ति करती है उसकी सुहाग की सदैव रक्षा होती है और पति लंबी आयु होती है घर में सुख समृद्धि का वास होता है आओ बहन तुम भी हमारे साथ अमर सुहाग बनाए रखने वाली मां पार्वती की पूजा करो माता पार्वती उस स्त्री की बात सुनकर मन ही मन मुस्कुरा रही थी और वह बहुत प्रसन्न थी कि जिस तरह उन्होंने अमर सुहाग के लिए वर्षों तपस्या की थी और भगवान शिव से अमर सुहागिन
(06:51) बनने का वरदान प्राप्त किया था आज माता पार्वती उनकी पूजा करने वाली सभी स्त्रियों को अमर सुहाग का आशीर्वाद दे पूजा समाप्त होने के बाद माता पार्वती ने अपना वास्तविक रूप प्रकट किया और सभी महिलाओं को दर्शन दिए उन्होंने सभी महिलाओं को आशीर्वाद दिया कि जो भी महिला सच्चे मन से माता पार्वती के व्रत और पूजन करेंगी उनकी भक्ति और तपस्या का फल वे उन्हें अवश्य देंगी तथा वे स्त्रियां सदा अमर सुहागिन रहेंगी इस आशीर्वाद से महिलाओं में खुशी की लहर दौड़ गई और वे माता पार्वती को धन्यवाद देने लगी तब से यह माना जाता है कि माता पार्वती की पूजा
(07:32) और भक्ति करने वाली महिलाएं माता पार्वती के आशीर्वाद से अमर सुहागन रहती हैं
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