शंभू और भगवान शिव

 शंभू और भगवान शिव

एक समय की बात है भानपुर नामक गांव में शंभू नाम का एक किसान रहता था शंभू भगवान शिव का बहुत बड़ा भक्त था रोजाना सुबह उठकर भगवान शिव के मंदिर में जाना और शिव जी की मूर्ति के साथ शिवलिंग की पूजा करना उसका नियम था शंभू के पास मोती नाम का एक पालतू बैल था जिससे शंभू अपने खेत में हल जोतता था मोती शंभू के लिए मानो तो परिवार का सदस्य ही था माधवी यह देखो आज मैं अपने मोती के लिए कितनी हरी हरी घास और चारा लाया हूं पर यह मोती है कहां खोटी से तो बधा नहीं हुआ है कस्तूरी ले गई है उसे घुमाने मोती की आदत को बिगाड़ दिया है तुम्हारी बिटिया ने और मोती भी कम नहीं है जब तक शाम के वक्त कस्तूरी उसे पूरे गांव में घुमाने ना ले जाए उसे भी चैन नहीं आता लो आ गई तुम्हारी लाडली बापू मोती को बहुत ब जोरों की भूख लगी है आप क्या लाए हो यह देख मैं अपने मोती के लिए हरी हरी घास पेड़ पौधों की टहनियां और सूखा चारा लाया हूं ये ले मोती बेटा आराम से खा मोती चारा खाकर कितना खुश हो रहा है मां बापू मेरा बच्चा मेरा मोती ये तो हम सबकी जान है मोती बैल शंभू और उसके परिवार का लाडला था मोती खेतों को जोतने में शंभू की बहुत सहायता करता था लगभग सारा काम खेतों का शंभू मोती की सहायता से निपटा लेता था कुछ गांव के लोग शंभू की सफलता से जलते थे जिनमें से एक था हरिया जो शंभू से बहुत ईर्षा करता था ऐसे ही एक दिन अरे शंभू तू सुबह शाम शिव मंदिर में पूजा ही करता रहता है कुछ देर अपने दोस्तों के साथ भी समय बता लिया कर शाम का वक्त है आज जा दो घड़ी हमारे साथ भी कुछ खा पी ले नहीं हरिया भाई मैं यह सब नहीं लेता हूं मैं तो बस भगवान शिव का भक्त हूं और उन्हीं की पूजा में अपना समय बिताता हूं मुझे उसी में खुशी मिलती है अरिया भाई मैं देख रहा हूं शंभू तुम्हारा अपमान कुछ ज्यादा ही करने लगा है हां तुम उसे दो घड़ी अपने पास बैठने के लिए कहते हो और वो तुम्हें साफ लफ्जों में मना करके हमेशा चला जाता है तुम क्यों उसे बार-बार कहकर अपनी इज्जत गिरवा हो भाई हैं हरिया गुस्से में घर आ जाता है कुछ दिनों बाद शंभू की बेटी के रिश्ते की बात चलती है और लड़के वाले कस्तूरी को देखने आते हैं देखो शंभू भाई मैंने तुम्हारा गांव में बहुत नाम सुना है तुम्हारा परिवार भी बहुत अच्छा है और हमें कस्तूरी बिटिया जैसी बहू ही अपने बेटे के लिए ये चाहिए एक काम करते हैं शादी के लिए तीन महीने बाद का कोई अच्छा मुहूर्त देखकर तारीख रख लेते हैं क्यों ठीक रहेगा ना अब लक्ष्मीचंद जी जैसा आप ठीक समझे लड़के वाले कस्तूरी से रिश्ते की बात पक्की करके चले जाते हैं आपने लड़के वालों से कह तो दिया पर तीन महीने में हम इतने पैसे शादी के लिए कैसे जोड़ पाएंगे तुम चिंता मत करो माधवी मैं और मोती मिलकर कुछ ही दिनों में नई फसल पर काम कर लेंगे फिर उस फसल को बेचकर अच्छे पैसे मिल जाएंगे फिर हम आराम से कस्तूरी की शादी कर सकते हैं अब तुम मोती का भी ज्यादा ख्याल रखा करो वो भी हमारे साथ बहुत मेहनत करता है तुम चिंता मत करो मैं मोती का ध्यान रखूंगी कस्तूरी की शादी की बात पक्की होने की खबर हरिया को लग जाती है वो इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पाता है मेरा अपमान करके ये शंभू इतना खुश कैसे रह सकता है इसकी सारी खुशी उसी बैल में है उसी बैल के भरोसे ये हवा में उड़ रहा है ये सोचता है कि बैल की मदद से ये अच्छी फसल उगा लेगा और अपनी लड़की की शादी कर देगा मेरे होते हुए ऐसा कभी नहीं हो सकता कई बार इस शंभू ने गांव वालों के सामने मेरा अपमान किया है आज रात मौका देख कर इसके बैल का काम तमाम कर दूंगा हां आधी रात के वक्त जब सब सो रहे थे तब हरिया उठा और उसने शंभू के घर जाकर मोती के चारे में जहर मिला दिया सुबह जब शंभू की आंख खुली तो उसने देखा ये क्या हो गया माधवी कस्तूरी बिटिया जल्दी आओ देखो हमारा मोती बेसुत पड़ा हुआ है इसके मुंह से झाग निकल रही है कहीं इसने कुछ गलत तो नहीं खा पी लिया हे शिवशंकर मेरे मोती को यह क्या हो गया हे भोलेनाथ हमारा मोती नहीं मर सकता इसे कुछ नहीं हो सकता बाबा बाबा मोती को क्या हो गया मोती कुछ बोल क्यों नहीं रहा हे भोलेनाथ यह क्या अनर्थ हो गया हमारा मोती इस दुनिया से कैसे जा सकता है हमारा मोती हमारा बच्चा मोती के मर जाने से शंभू माधवी और कस्तूरी तीनों का बहुत बुरा हाल था एक दिन शंभू भगवान शंकर के मंदिर में सिर पटक पटक कर खूब रोया हे ईश्वर मेरे मोती को क्या हो गया मुझे मेरा मोती वापस दे दो प्रभु मैंने आपकी हमेशा सच्चे मन से पूजा की है मेरे मोती को आप ऐसे नहीं छीन सकते यदि मैंने सच्चे मन से आपकी पूजा की है तो प्रभु मेरे दुख दूर करो मेरे मोती को वापस भेज दो प्रभु शंभू भगवान शंकर की मूर्ति के आगे बिलक बिलक कर रो रहा था तभी उसे मंदिर के द्वार पर एक बैल आता दिखाई दिया जो देखने मती के जैसा ही था मोती हे ईश्वर ये बैल तो बिल्कुल मेरे मोती जैसा है आसपास तो इसका कोई मालिक दिखाई नहीं दे रहा ये कहां से आया है हे प्रभु ये आपकी कैसी लीला है आपने मेरे लिए मेरे मोती जैसा बहू एक बैल भेज दिया शंभू भगवान शंकर का आशीर्वाद मानकर खुशी-खुशी उस बैल को घर ले आता है और आकर सारी बात माधवी और कस्तूरी को बताता है बाबा यह बैल तो बिल्कुल हमारे मोती जैसा है मुझे तो ऐसा लगता है भगवान शंकर ने हमारे मोती को वापस भेज दिया है देखो बाबा ये मुझे पहचानता है मेरे हाथों से चारा भी खा रहा है हे शिव शंकर आपने इस बैल को भेजकर हमारे सारे दुख दूर कर दिए वरना मोती के बिना तो हम बिल्कुल अकेले हो गए थे मोती के रूप में उस बैल के आ जाने से शंभू की सारी परेशानी दूर हो गई थी मानो उस बैल में ऐसा क्या जादू था कि मोती जब शंभू के साथ उस बैल से हल जोतता तो मिनटों में काम पूरा हो जाता कुछ ही दिनों में शंभू के खेत फसल से लहराने लगे फसल पक कर तैयार हो गई शंभू ने उसे अच्छे दामों में बाजार में बेच भी दिया कस्तूरी की शादी के दिन नजदीक आ रहे थे शंभू उस बैल की मदद से खेत पर बहुत जल्दी काम करने लगा था यह बात जब हरिया को पता चली तो उसने दोबारा अपनी चाल चलने की सोची इस शंभू की तो खुशी का ठिकाना ही नहीं है बड़े जोर-शोर से अपनी बेटी की शादी की तैयारियां कर रहा है इसके पास दूसरा बैल जब से आया है तब से यह ज्यादा खुश दिखाई दे रहा है मुझे इसके दूसरे बैल को भी मारना होगा सब सो चुके हैं जल्दी से इस बैल के चारे में जहर मिला देता हूं ये भी मोती के पास ऊपर पहुंच जाएगा हरिया जैसे ही उस बैल के पास जाता है बैल मानो किसी जादुई शक्ति से अपनी रस्सी खोल लेता है और हरिया के पीछे भागने लगता हरिया चिल्लाता है कोई बचाओ बचाओ मुझे ये बैल मार देगा मुझे मार देगा मुझे माफ कर दो मुझे माफ कर दो मैं ऐसी गलती दोबारा नहीं करूंगा मोती बेटा रुक जाओ हरिया के पीछे मत भागो शंभू भाई मुझसे गलती हो गई मैंने ही तुम्हारे पहले बैल को जहर देकर मारा था मैं इसे भी जहर देकर मारने वाला था पर पता नहीं यह बैल कोई जादुई बैल है इसने अपनी रस्सियां खोल ली और मेरे पीछे भाग पड़ा इससे कहो मुझे माफ कर दे मैं आज के बाद कभी भी किसी के साथ गला नहीं करूंगा जैसे ही हरिया अपनी गलती मानता है वो बैल शांत हो जाता है और वापस शंभू के पास लौटता है गांव के लोगों की सलाह पर हरिया को उस गांव से निकाल दिया जाता है हरिया को उसके किए की सजा मिल जाती है शंभू धूमधाम से अपनी बेटी कस्तूरी की शादी करता है शंभू और माधवी उस बैल को भगवान शंकर का आशीर्वाद मानकर उसके साथ खुशी खुशी रहने लगते हैं

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