शेर कैसे बना माँ दुर्गा का वाहन | Hindi Kahani | Bhakti Kahani | Bhakti Stories | Moral Stories 

शेर कैसे बना माँ दुर्गा का वाहन | Hindi Kahani | Bhakti Kahani | Bhakti Stories | Moral Stories 

हिंदू शास्त्रों में प्रत्येक देवी-देवता किसी वहां पर विराजमान है जैसे की विष्णु [संगीत] वाली मां के नाम से भी पुकार जाता है [संगीत] [संगीत]

(01:17) देवी पार्वती ने भगवान शिवा को पति के रूप में अपने के लिए वर्षों तक कठोर तपस्या की थी इस कठिन तपस्या में काफी समय तक ली रहने से देवी पार्वती का रंग सांवला हो गया था विवाह के पश्चात एक दिन भगवान शिवा और देवी पार्वती कैलाश पर्वत पर बैठकर आपस में हंसी बिठौली कर रहे थे इस बीच शिवा जी ने माता पार्वती को शामली का दिया देवी पार्वती तुम्हारा रंग कितना सांवला हो गया है देखो तो जरा पानी यह सब तो आपको पानी के लिए मैंने तपस्या की थी इस करण मेरा रंग सांवला हो गया जाइए मुझे आपसे बात नहीं करनी आपने मुझे दुख पहुंचा है अब मैं

(02:01) तभी लोट कर आऊंगी जब मैं सांवली नहीं रहूंगी मैं गौर वर्ण की हो जाऊंगी मैं तपस्या के लिए जा रही हूं अरे तुम तो नाराज हो गई मैं तो यूं ही का रहा था लगता है देवी पार्वती को मेरी बात का डर ग गया अब तो यह तपस्या में ली होने चली गई शिवाजी से नाराज होकर मां पार्वती गाने जंगलों में जाकर तपस्या में ली हो गई जब माता पार्वती तपस्या में ली थी उसे समय भूख शेर उधर से गुर्जर रहा था उसने माता पार्वती को देखा और उन्हें अपना शिकार बनाने के लिए आगे बड़ा ये तो तपस्या में ली है मेरी गर्जना का इन पर कोई प्रभाव नहीं हो रहा मुझे इनकी तपस्या भांग होने

(02:46) का इंतजार करना होगा आखिर मैं भी तो देखूं की एक शेर की गर्जना का असर इन पर क्यों नहीं हुआ और इनकी तपस्या भांग क्यों नहीं हुई यह भयभीत क्यों नहीं हुई माता पार्वती को तपस्या में ली देखकर शेर वहीं पर बैठ जाता है और वह मां पार्वती की तपस्या समाप्त होने का इंतजार करने लगता है लेकिन माता पार्वती की तपस्या कई वर्षों तक चलती रही तब तक वो शेर आज लगाएं वहीं पर बैठा रहा मां पार्वती के चमत्कार से शेर भी उतने वर्ष भूख प्यासा रहा मानो वह भी मां पार्वती के साथ तपस्या कर रहा हो ना ही उसे पर माता पार्वती को कुछ कहा और ना ही वहां से उठा तब के कई वर्ष बीट जान के बाद

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(03:31) देवी पार्वती की तपस्या से प्रश्न होकर वहां शिवाजी प्रकट हुए आंखें खोलो मैं तुम्हें गोरा होने का वरदान देता हूं पार्वती तुम गंगा स्नान करो इससे तुम गौवरण की हो जोगी अपने उज्जवल गौर वर्णन के करण अब से संसार आपको गौरी के नाम से भी जान का और आपका सांवला पर कौशिकी देवी के नाम से जाना जाएगा [संगीत] की वर्षों से यह भी आपके साथ ही यही तपस्या में बैठा हुआ है मोटो पार्वती भगवान शिवा मेरा प्रणाम स्वीकार कीजिए आपका कथन सत्य है मैं इसी विचार से देवी पार्वती पर आक्रमण करने ही वाला था पर देवी पार्वती के अलौकिक चमत्कार से मैं

(04:31) रुक गया मेरे हाथों से यह अपराध होने से मैन मुझे रॉक दिया मुझे एक क्षमा कीजिए माता जैसे मैंने इतने दोनों तक तपस्या की ठीक इस तरह इस शेर ने भी मेरी प्रतीक्षा में तपस्या की है मुझे इसकी तपस्या का फल इसे देना ही चाहिए पर मैं ऐसा क्या करूं की जिससे जगत में इसकी प्रशंसा हो मां मैं आपकी सवारी बन्ना चाहता हूं आपको अपनी पीठ पर बिठाना चाहता हूं मैं चाहता हूं जगत में मैं आपके वहां के रूप में जाना जाऊं मुझे यह वरदान दीजिए मां मुझमें पर कृपा कीजिए मैं आपके अंग सॉन्ग रहकर आपकी और भक्ति करना चाहता हूं देवी पार्वती अब तो इस शेर को वहां बनाकर आपको इसकी इच्छा

(05:19) पुरी करनी ही होगी और अब आपको शेरों वाली के नाम से भी पुकार जाएगा देवी पार्वती मुस्कुरा देती है और शेर को वरदान देते हुए उसे अपना वहां बना लेती है शेर पर सवारी करने के लिए मां दुर्गा के रूप में मां पार्वती शेर पर स्वर होती है तभी स्वर्ग में उपस्थित सभी देवी देवता उन पर फूलों की वर्षा करने लगता गंगा में स्नान करके मां पार्वती मां गौरी के रूप में जानी जान लगी उनका श्याम वर्ण कौशिकी देवी के नाम से प्रसिद्ध हुआ और शेर की सवारी करने वाली मां दुर्गा के रूप में पूरा संसार उन्हें शारों वाली के नाम से पुकारने लगा और तभी से शेर मां दुर्गा का

(06:04) वहां बन गया

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