“असली धन …. | Hindi Kahani | moral story | hindi kahaniyan | hindi kahaniya

“असली धन …. शाम का धुंधलका बढ़ रहा था तकरीबन सात बज चुके थे बिरजू पैदल अपने कंधे पर अपना मिस्त्री का समान उठा अपने घर की और बढ़ रहा था पेशे से एक मकान बनाने वाला मिस्त्री है बिरजू जोकि रोज चौंक पर जाकर सुबह खड़ा होकर काम करवाने वाले मालिकों की राह तकता … Read more