*ईश्वर का घर |Bhakti Stories | Bhakti Kahani | Dharmik kahaniya
*ईश्वर का घर |Bhakti Stories | Bhakti Kahani | Dharmik kahaniya आज का अमृत कस्तूरी कुंडल बसै, मृग ढूंढे वन माहि। ऐसे घट घट राम हैं, दुनियां देखे नाही । अर्थ: मृग की नाभि में कस्तूरी रहता है पर वह जंगल में ढूंढते रहती है। ईश्वर सर्वत्र व्याप्त है परंतु … Read more