क्रोध की भूल
आज का अमृत जगत माहिं धोखा घना, अहं क्रोध अरु काल। पोरी पहुंचा मारिये, ऐसा जम का जाल। अर्थ: मनुष्य अहंकार, क्रोध तथा कपोल कल्पना में अधिक धोखा खाते हैं। यह यम का ऐसा जंजाल है जिसे मन में आते ही मार डालना चाहिए। क्रोध की भूल 〰️🌼〰️〰️〰️〰️🌼〰️ एक बार एक राजा को किसी विदेशी … Read more